लड़ते है जंग ज़िन्दगी की कैसे तेरे बढ़ते कदमों ने ही सिखाया। लड़ते है जंग ज़िन्दगी की कैसे तेरे बढ़ते कदमों ने ही सिखाया।
नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब प्रकृति को विरान करो। नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब प्रकृति को विरान करो।
भरा पुरा घर आँगन है पर बिन लाडली यह भव्य महल अब सुन्न है। भरा पुरा घर आँगन है पर बिन लाडली यह भव्य महल अब सुन्न है।
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यही जीवन का सार है। यही जीवन का सार है।
ऊंची उड़ान की रहती उनको आशा कल्पनाओं के पंख लगाकर अपने करते दुनिया की सैर और देखे ऊंची उड़ान की रहती उनको आशा कल्पनाओं के पंख लगाकर अपने करते दुनिया की सैर...